बारिश से मन का रिश्ता बहुत गहरा है, मन का मौसम बारिश से सबसे ज्यादा प्रभावित होता है। किसी की याद सताने लगती है तो कभी खुशनुमा सा माहौल लगता है। कहीं दिल के अरमान जाग उठते है तो कभी इस मौसम में बच्चों की तरह कूदने का मन करता है । इस बदलते मन को एक शायर से ज्यादा शायद ही कोई महसूस कर सकता हो, इसलिए पेश हैं आपके लिए बारिश पर लिखे बेहतरीन पंक्तियाँ.
बारिश पड़े तो भागिए नहीं
छत नहीं खोजिये
छाते कभी-कभार बंद रखिये
किस बात का डर है
भीग जायेंगे न
तो क्या हुआ
पिघलेंगे नहीं
.फिर से सूख जायेंगे
तेजाब नहीं बरस रहा है
आपकी 799 वाली टी-शर्ट भी सूख जायेगी
ब्रांड भी उसका Levis से Lebis नहीं हो जायेगा
मोबाइल पालीथिन में कस के रख लीजिये
सड़क साफ़ है
कोई नहीं आएगा
उस स्ट्रीट लैम्प की पीली रौशनी में डिस्को करती बूंदों को देखिये
थोड़ा धीरे चलिए
जल्दी पहुंच के भी क्या बदल जाना है
बारिश बदलाव है
मौसम का
मन का
कल्पनाओं का
और लाइफ के गियर का
दिमाग से दिल की तरफ
सब धुल रहा है
प्रकृति सब कुछ धो रही है
आप क्यूँ उसी मनहूसियत की चीकट लपेटे घूम रहे हैं
याद कीजिये
वो कागज़ की नाव, कॅालेज/कोचिंग में भीगे सिर आए वो लड़की, लड़के, बारिश में जबरदस्ती नाचने को खींच कर ले गये दोस्त
सब चलते-चलते याद कीजिये
दुहराना आसान नहीं होता
दुहराना चाहिए भी नहीं
लेकिन सहेजा तो जा ही सकता है
ताकि ऐसी किसी बारिश में चलते-चलते सोच के मुस्कराया भी जा सके
ज़ुकाम से मत डरिये
दवा से सही हो जायेगा
बारिश से डरेंगे तो फिर ज़ुकाम आपका महंगा वाला शावर भी ठीक नहीं कर पायेगा
और वैसे भी
मैंने शावर में सिर्फ लोगों को रोते सुना है
मुस्कुराते नहीं
क्योंकि उनका गाना भी रोने से कम नहीं होता है
बारिश आई है
थोड़ा चल लीजिये
थोड़ा भीग लीजिये
खुद से मिल लीजिये
थोड़ा मुस्कुरा भी लीजिये
क्योंकि बारिश चन्द दिनों के लिये आई है
जैसे सावन में बिटिया घर आई हो
चली जायेगी वापस
फिर न रोइयेगा कि अब कब आयेगी
बारिश हो रही है
.उसके सहारे कुछ पल अपने लिये भी जी लेने की कोशिश कर लीजिये